जगी इतनी बस ख़ुद्दारी कि , हमने माँगना ही छोड़ दिया । जगी इतनी बस ख़ुद्दारी कि , हमने माँगना ही छोड़ दिया ।
मैं डरी, सहमी, सकुचाई फिर भी तुझे शर्म न आई सारी सखियों ने देख लिया मैं डरी, सहमी, सकुचाई फिर भी तुझे शर्म न आई सारी सखियों ने देख लिया
पीर बना दिया है तुमने। पीर बना दिया है तुमने।
कैसा रोना और एक कल्पना के लिए। कैसा रोना और एक कल्पना के लिए।
अलिंगन में बंध कर अलिंगन में बंध कर
दूध की भूख लगी हो हमको या हमको रोटी खानी हो हमें क्या चाहिए हमें माँ चाहिए। दूध की भूख लगी हो हमको या हमको रोटी खानी हो हमें क्या चाहिए हमें...